ज़माने à¤à¤° में मिलते हैं आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत सनम कोई नहीं होता,
सोने में लिपट कर मरे शासक कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता,