तू बारिश बने , मैं तुझमे भींग के तर सा जाऊं ,
तू शोला बने , हाँ तुझमे जल के मैं मर सा जाऊं |
तू तबाही बने , मैं तुझमे मिल के उजड सा जाऊं ,
तू खुदा बने , तो मैं तेरी धुल हो के सवर सा जाऊं |
तू पत्थर बने , तो हो के कांच मैं टूट के बिखर सा जाऊं ,
मैं ज़ख्म हूँ , तू दवा बने , तो मैं ज़रा भर सा जाऊं