बारिशों में खोयी हो
अलसाई सी सोयी हो
थकी हो उदास हो
हाँ, मेरे आसपास हो
वहीँ से लौट आओ जिंदगी
ठहरा सा लम्हा है
भीगी सी सडकें हैं
चुप्पी सी कॉफ़ी है
बुझी सी सिगरेट है
वहीं बिखर जाओ जिंदगी
वो चुप मुस्कुराता है
हौले क़दमों से आता है
छत पे सूरज डुबाता है
अच्छी मैगी बनाता