10. 02/02/14
ज़रा उभरे हुए शिब्दो को ध्यान से देखेबालक खेल रहा है |
माया गृह कायर कर रही
िशिक्षक पढ़ा रहा
है |
मजदू र खोद रहा
है |
इन वाकयो मेहै |
ट्रे क टर खेत मे है |
‘खेल रहा है ’, ‘पढ़ा रहा है ’, ‘गृह कायर कर रही है ’, ‘खोद रहा है ’ आिद
फू ल िखल रहे हैं |
कायर
पयतपूव रक िकए जा रहे हैं |
जबिक ‘िखल रहे हैं ’ िकया अनायास हो रही है |
‘है ’ मे िकया की िसथित का बोध है |
संकलनकतार- पंक ज गुप्त ा , भाषाध्यापक
अत : ये िकया के उदाहरण हैं |
11. 02/02/14
अत: िकया की पिरभाषा
िजन शिब्दो से िकसी कायर के
होने, करने अथवा िकसी िसथित
का बोध हो, उनहे िकया कहते हैं |
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
12. 02/02/14
धातु
िकया के मूल अंशि ो को धातु कहते हैं |जैस े-
पढ़, िलख, हँ स , चल, गा, सो,
खेल , दे ख , सुन , जा, आ, बैठ , रो
आिद |
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
13. 02/02/14
धातु
ये िविभन िकयाओ के मूल रप है |
इनसे अनय अनेक िकयाएँ बनती है |
जैस े- ‘िलख ’ से –
िलखा, िलखता, िलखते, िलखती, िलखूं,
िलखूंग ा, िलखेग े, िलखी थी आिद |
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
14. 02/02/14
मूल धातु की पहचान
मूल धातु आजाथरक रप मे ‘तू’ के साथ पयुक
होती है |
उदाहरणतया —
तू खा, तू पढ़, तू िलख, तू जा,
तू हँस, तू काट, तू उड़ आिद |
इस पकार मूल धातुओ की पहचान- पंहोगुप्तसकती
संकलनकतार कज ा, भाषाध्यापक
15. 02/02/14
संक लनकतार- पंक ज गुप्त ा , भाषाध्यापक
िकया के सामानय रप
मूल धातु मे ‘ना ’ पतयय जोड़कर िकया के
सामानय रप बनाये जाते है |
उ दाहरणतया —
पढ़+ना – पढ़ना
खेल+ना – खेलना
हँस+ना – हँसना ........
जाना, रोना, पीना, काटना, उड़ना आिद |
17. 02/02/14
अकमरक िकया
िजस िकया का फल कमर पर नही , कतार पर पड़ता है , उसे
अकमरक िकया कहते है |
जैस े
मोर नाचता है |
अिवनाश हँ स ता है |
इनमे कमश: नाचना और हँ स ना िकया मे िकसी कमर की आवशयकता नही है |ये
सीधे-सीधे अपने कतार पदो से समबिनधत है |नाचने और हँ स ने का आधार
कमश: मोर और अिवनाश है |
दू स रे शबदो मे अकमरक िकया मे िकसी कमर की आवशयकता नही होती |
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
18. 02/02/14
सकमरक िकया
िजस िकया का फल कमर पर पड़ता है , तथा िजसके पयोग मे कमर
की अिनवायरत ा बनी रहती है , उसे अकमरक िकया कहते है |
जैस े
अनुर ाग ने फल खरीदे |
यहाँ खरीदे िकया का पभाव फल पर पड़ रहा है | फल कमर के िबना
खरीदे िकया पूण र
सपष अथर नही दे त ी |अत: खरीदे सकमरक िकया है |
एक अनय उदाहरण दे ख े
अिवनाश कु ते को दू ध िपलाता है |
यहाँ िपलाता िकया के दो कमर है – कु ता (सजीव) और दू ध (िनजीव) |
ऐसे मे सकमरक िकया िदकमरक िकया कहलाती है |
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
19. 02/02/14
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
पेर णाथरक िकया
िजन िकयाओ का कतार सवयं कायर न करके
िकसी दु स रे को पेि रत कर के काम करवाए ,
उनहे पेर णाथरक िकया कहते है |इनमे दो
कतार होते है |
जैस े
िपता ने पुत से सनदे श िभजवाया |
इनमे पहला कतार पेर क (िपता) तथा दू स रा कतार (पुत ) पेि रत है
20. 02/02/14
पेर णाथरक िकया के दो रप
पथम पेर णाथरक
िदतीय
जब कतार सवयं भी कायर मे
पेर णाथरक
सिम्मिलत होता हुआ पेरणा
जब कतार सवयं भी कायर न
देता है |
करके दुसरे को कायर करने
जैसेपेरणा देता है |
वह सबको गीत सुनाता है |
जैसेमॉनिनटर अध्यापक से छातों को
संकलनकतार- पंकज गुप्ता, भाषाध्यापक
िपटवाता है |
21. अभयास करे ,
अभयसत रहे |
संक लनकतारपंक ज गुप्त ा,
भाषाध्यापक
02/02/14