1. मंडेला क
े नाम से विश्वभर में प्रख्यात शांवतदू त का
पूरा नाम नेल्सन रोवलहलहला मंडेला था। उनका
जन्म 18 जुलाई, 1918 को दविण अफ्रीका में हुआ।
िे दविण अवफ्रका क
े प्रथम अश्वेत राष्ट्रपवत थे।
राष्ट्रपवत बनने से पूिव िे दविण अफ्रीका में सवदयों से
चल रहे रंगभेद का विरोध करने िाले अफ्रीकी
नेशनल कांग्रेस और इसक
े सशस्त्र गुट "उमखोतों िे
वसजिे" क
े अध्यि रहे। रंगभेद विरोधी संघर्व क
े
कारण उन्ोंने 27 िर्व रॉबेन द्वीप क
े कारागार में
वबताया। उन्ें कोयला खवनक का काम करना पडा
था। सन् 1990 में श्वेत सरकार से हुए एक समझौते
क
े बाद उन्ोंने नये दविण अफ्रीका का वनमावण
वकया। िे दविण अफ्रीका एिं समूचे विश्व में रंगभेद
का विरोध करने क
े प्रतीक बन गये।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनक
े जन्मवदन को “नेल्सन
मंडेला अंतरावष्ट्रीय वदिस" क
े रूप में मनाने का
वनणवय वलया। दविण अफ्रीका क
े लोग मंडेला को
व्यापक रूप से “राष्ट्रवपता" मानते हैं। उन्ें लोकतंत्र
क
े प्रथम संस्थापक और उद्धारकताव क
े रूप में देखा
जाता था। दविण अफ्रीका में प्रायः उन्ें “मदीबा"
कह कर बुलाया जाता है। यह शब्द बुजुगों क
े वलए
सम्मान सूचक है। उन्ें अब तक 250 से भी अवधक
राष्ट्रीय ि अंतरावष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मावनत वकया
गया है। सन् 1993 में नोबेल शांवत पुरस्कार, भारत
रत्न पुरस्कार और सन् 2008 में गााँधी शांवत
पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनका स्वगविास 23 निंबर,
2013 को हुआ। ऐसे महान शांवतदू त क
े वनधन पर
सारे विश्व ने अपूिव श्रद्धांजवल समवपवत की। इनका
संघर्वमय जीिन हमें शांवत की राह में चलने क
े वलए
पथ प्रदवशवत करता है।