हरमन एबिंगहॉस (1913) ने 'विस्मरण' के वैज्ञानिक अध्ययन का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने अपनी ही स्मृति के अध्ययन के लिए निरर्थक शब्दांश (व्यंजन-स्वर-व्यंजन) (अर्थहीन शब्द) बनाए। खुद पर किए गए उनके प्रयोगों से मिले परिणामों से उन्होंने एक वक्र बनाया, जिसे ‘विस्मरण वक्र’ के नाम से जाना जाता है।